नारी सशक्तिकरण व सामाजिक समरसता की प्रतीक थीं अहिल्याबाई होलकर : संतोष सिंह

अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर स्मृति अभियान की शुरुआत वा संगोष्ठी का हुआ आयोजन

बाराबंकी। इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती के उपलक्ष्य में गुरुवार को भाजपा जिला कार्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व एमएलसी संतोष सिंह ने अहिल्याबाई को भारतीय नारी शक्ति एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि उन्होंने महिष्मति में साड़ी उद्योग को बढ़ावा देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का कार्य किया। विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया और बाल विवाह पर रोक लगाकर नारी सशक्तिकरण की दिशा में कार्य किया।कहा कि अहिल्याबाई ने 'धर्म रक्षति रक्षितः'के वैदिक उदघोष को न केवल जिया,बल्कि उसे मूर्त रूप भी दिया।जब विदेशी आक्रांता भारतीय मंदिरों को ध्वस्त कर रहे थे,तब अहिल्याबाई ने बिना भय व दृढ़ इच्छाशक्ति और राजनीतिक समर्थन के दम पर उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का विराट कार्य किया।आज का भव्य काशी विश्वनाथ धाम उसी मंदिर का स्वरूप है जिसे अहिल्याबाई ने अपने संसाधनों से वर्ष 1777 से 1780 के बीच बनवाया था। उन्होंने अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेकर सनातन संस्कृति के गौरव की पुनर्स्थापना के लिए पूरे मनोयोग से समर्पित होने का आह्वान किया। शिव कुमार व्यास,अम्बरीष अम्बर,राजकुमार सोनी,सूर्यांश शर्मा ने काव्य पाठ भी किया।जिला अध्यक्ष अरविंद मौर्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद उपेन्द्र रावत, हरगोविंद सिंह, अजीत प्रताप सिंह, सरोज रावत, राम कुमारी मौर्य, शील रत्न मिहिर, विजय आनंद बाजपेई, प्रदीप जैन, ब्रजेश रावत, गुरुशरण लोधी, रवीनन खजांची, कमलेश शुक्ला, रोहित सिंह, आशुतोष अवस्थी, ब्लॉक प्रमुख धर्मेंद्र यादव, आकाश पांडे, लकी सिंह, आरती रावत, कौशल किशोर त्रिपाठी, सुनीत अवस्थी सहित काफी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

Post a Comment

Previous Post Next Post