लखनऊ। निर्माण श्रमिकों के कल्याण की दिशा में एक और सराहनीय पहल करते हुए, विज्ञान फाउंडेशन द्वारा संचालित इंडिया लेबर लाइन कार्यक्रम के तहत आज श्रम विभाग लखनऊ के सहयोग से देवा रोड नहर पुलिया स्थित आश्रय गृह में एक दिवसीय विशेष पंजीकरण एवं जागरूकता शिविर का सफल आयोजन किया गया।शिविर में श्रम प्रवर्तन अधिकारी राकेश पाल, शरद यादव तथा कंप्यूटर ऑपरेटर गुरुपेज सिंह और अमित वर्मा उपस्थित रहे। अधिकारियों ने श्रमिकों को उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकरण-नवीनीकरण की प्रक्रिया विस्तार से समझाई तथा मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, मृत्यु-विकलांगता सहायता, अंत्येष्टि सहायता, कौशल उन्नयन भत्ता जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी दी। न्यूनतम मजदूरी, कार्य घंटे और कार्यस्थल सुरक्षा मानकों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इंडिया लेबर लाइन की निःशुल्क कानूनी सहायता एवं हेल्पलाइन सेवाओं से भी सभी को अवगत कराया गया।
शिविर में 100 से अधिक श्रमिकों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी की। इस दौरान 33 श्रमिकों का नया लेबर कार्ड बनाया गया तथा 5 श्रमिकों ने अपना पुराना पंजीकरण नवीनीकृत कराया। श्रमिकों ने ऐसे शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने का अनुरोध किया ताकि दूर-दराज से आने वाले मजदूर भी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकें। गौरतलब है कि कल 27 नवंबर को पलटन छावनी आश्रय गृह में आयोजित शिविर में भी सैकड़ों श्रमिकों ने हिस्सा लिया था और 22 नए पंजीकरण व 10 नवीनीकरण हुए थे। दो दिन में दोनों शिविरों को मिलाकर कुल 55 नए पंजीकरण और 15 नवीनीकरण पूरे किए गए।
विज्ञान फाउंडेशन और श्रम विभाग लखनऊ की यह सतत पहल असंगठित निर्माण श्रमिकों तक सरकारी सुविधाओं की सीधी पहुंच बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
शिविर में 100 से अधिक श्रमिकों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी की। इस दौरान 33 श्रमिकों का नया लेबर कार्ड बनाया गया तथा 5 श्रमिकों ने अपना पुराना पंजीकरण नवीनीकृत कराया। श्रमिकों ने ऐसे शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने का अनुरोध किया ताकि दूर-दराज से आने वाले मजदूर भी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकें। गौरतलब है कि कल 27 नवंबर को पलटन छावनी आश्रय गृह में आयोजित शिविर में भी सैकड़ों श्रमिकों ने हिस्सा लिया था और 22 नए पंजीकरण व 10 नवीनीकरण हुए थे। दो दिन में दोनों शिविरों को मिलाकर कुल 55 नए पंजीकरण और 15 नवीनीकरण पूरे किए गए।
विज्ञान फाउंडेशन और श्रम विभाग लखनऊ की यह सतत पहल असंगठित निर्माण श्रमिकों तक सरकारी सुविधाओं की सीधी पहुंच बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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