जस्टिस अराधे और जस्टिस पंचोली के नाम को केंद्र ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपुल मनुभाई पंचोली को बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। इस संबंध में, केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने को मंजूरी दे दी। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर कहा कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, (फस्र्ट) न्यायमूर्ति श्री आलोक अराधे, मुख्य न्यायाधीश, बॉम्बे उच्च न्यायालय और (सेकेण्ड) न्यायमूर्ति श्री विपुल मनुभाई पंचोली, मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं। ध्यान रहे कि सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के स्वीकृत पद 34 हैं, लेकिन यह केवल 32 न्यायाधीशों के साथ कार्य कर रहा है। अब, न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की पदोन्नति से दोनों रिक्तियाँ भर जाएँगी, और सर्वोच्च न्यायालय एक बार फिर पूरी क्षमता से कार्य करेगा। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति नागरत्ना की पाँच सदस्यीय कॉलेजियम ने 25 अगस्त को बैठक की और केंद्र को बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति पंचोली के नामों की सिफारिश शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में की। हालांकि, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने न्यायमूर्ति पंचोली को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने के प्रस्ताव पर कड़ी असहमति जताई थी, जैसा कि बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट में बताया गया है।
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