
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विभाग द्वारा विश्व हृदय दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया । इस वर्ष का विषय था “ डोन्ट मिस अ बीट ”। सोमवार को कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व व्यक्तियों ने भाग लेकर हृदय स्वास्थ्य और निवारक हृदयरोग विज्ञान के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को मजबूत किया। कार्यक्रम शुभारंभ का संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम. सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि “ स्वस्थ जीवनशैली ही अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला है और हृदय रोगों की रोकथाम का सबसे सशक्त साधन है।” उन्होंने डॉ. लोहिया संस्थान परिवार से आह्वान किया कि वे स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें।
प्रो. भुवन चंद्र तिवारी, विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग ने हृदय रोग के समय पर निदान और उपचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी को प्रतिदिन 10,000 कदम चलने की आदत डालने की प्रेरणा दी ताकि हृदय मजबूत और स्वस्थ रह सके। प्रो. सुभ्रत चंद्र, कार्यकारी कुलसचिव, ने हृदय रोग की रोकथाम में जागरूकता और शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जीवनशैली में बदलाव के सरल संदेशों को समुदाय तक पहुंचाने के सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। प्रो. प्रद्युम्न सिंह, डीन, डॉ. ने हृदय रोग विभाग की पहल की सराहना करते हुए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव में कमी को हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया।
प्रो. विक्रम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, ने कहा कि संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह निवारक स्वास्थ्य का आदर्श प्रस्तुत करे और “मूव आर एम एल अभियान को सशक्त बनाने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। डॉ. सुमित दीक्षित, मानद सचिव, एसपीपीएएच , ने कहा कि इस प्रकार की पहलें चिकित्सा विज्ञान और जन-जागरूकता के बीच की खाई को पाटती हैं और लोगों को छोटे-छोटे दैनिक कदम उठाकर आजीवन स्वास्थ्य की प्रेरणा देती हैं।
प्रो. भुवन चंद्र तिवारी, विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग ने हृदय रोग के समय पर निदान और उपचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी को प्रतिदिन 10,000 कदम चलने की आदत डालने की प्रेरणा दी ताकि हृदय मजबूत और स्वस्थ रह सके। प्रो. सुभ्रत चंद्र, कार्यकारी कुलसचिव, ने हृदय रोग की रोकथाम में जागरूकता और शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जीवनशैली में बदलाव के सरल संदेशों को समुदाय तक पहुंचाने के सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। प्रो. प्रद्युम्न सिंह, डीन, डॉ. ने हृदय रोग विभाग की पहल की सराहना करते हुए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव में कमी को हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया।
प्रो. विक्रम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, ने कहा कि संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह निवारक स्वास्थ्य का आदर्श प्रस्तुत करे और “मूव आर एम एल अभियान को सशक्त बनाने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। डॉ. सुमित दीक्षित, मानद सचिव, एसपीपीएएच , ने कहा कि इस प्रकार की पहलें चिकित्सा विज्ञान और जन-जागरूकता के बीच की खाई को पाटती हैं और लोगों को छोटे-छोटे दैनिक कदम उठाकर आजीवन स्वास्थ्य की प्रेरणा देती हैं।
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