सेनाओं का एकीकरण अनिवार्य: राजनाथ

  • एकजुट कमान देश की सुरक्षा के लिए जरूरी, यह महज रणनीति नहीं, अस्तित्व का विषय: रक्षा मंत्री

नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रदर्शित एकीकृत, तत्क्षण अभियानगत समन्वय के साथ तीनों सेनाओं का तालमेल निर्णायक परिणाम देने का एक ‘जीवंत उदाहरण’ है, और इसे भविष्य की सभी सैन्य कार्रवाइयों के लिए मानक बनना चाहिए। एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार भारतीय वायु सेना की एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली ने सेना की आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली और भारतीय नौसेना की त्रिगुण के साथ मिलकर काम किया और यह भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई तक चले संघर्ष के दौरान संयुक्त अभियान की रीढ़ बना।

तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के महत्व को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एकजुटता का मार्ग संवाद, समझ और परंपराओं के प्रति सम्मान में निहित है। उन्होंने कहा कि सेनाओं को एक-दूसरे की चुनौतियों का सम्मान करते हुए एक साथ मिलकर नई प्रणालियां बनानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद तीनों सेनाओं के एकीकरण को और बढ़ावा देना है और यह न केवल नीतिगत मामला है, बल्कि तेजी से बदलते सुरक्षा माहौल में अस्तित्व का मामला भी है। सिंह ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, तीनों सेनाओं के तालमेल ने एक एकीकृत, तत्क्षण संचालन की तस्वीर तैयार की। इसने कमांडरों को समय पर निर्णय लेने, स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने और अपने नुकसान के जोखिम को कम करने में सक्षम बनाया। यह निर्णायक परिणाम देने वाली एकजुटता का जीवंत उदाहरण है और यह सफलता भविष्य के सभी अभियानों के लिए एक मानक बननी चाहिए।

सिंह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युद्ध के बदलते स्वरूप और पारंपरिक तथा गैर-पारंपरिक खतरों के जटिल अंतर्संबंध के कारण, संयुक्तता एक विकल्प के बजाय एक प्रमुख अभियानगत आवश्यकता बन गई है। रक्षा मंत्री ने कहा, आज संयुक्तता हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और अभियानगत प्रभावशीलता के लिए एक मूलभूत आवश्यकता बन गई है। उन्होंने कहा, हालांकि हमारी प्रत्येक सेना में स्वतंत्र रूप से जवाबी कार्रवाई की क्षमता रखती है, लेकिन भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस की आपस में जुड़ी प्रकृति सहयोगात्मक ताकत को जीत की सच्ची गारंटी बनाती है। सिंह ने हाल में कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर सम्मेलन को याद किया, जहां स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्तता और एकीकरण के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने रेखांकित किया, श्हमारी सरकार का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण को और बढ़ावा देना है। यह केवल नीतिगत मामला नहीं है, बल्कि तेजी से बदलते सुरक्षा परिवेश में अस्तित्व का प्रश्न भी है। ८शेष पेज 02 पर

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