साक्ष्य होने के बाद भी बाहर कर दिया था दीनू का नाम
कानपुर। चर्चित बसपा नेता पिंटू सेंगर मर्डर केस से दीनू और अरिदम का नाम निकालने वाले विवेचक इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा को पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया। आरोप है कि एफआईआर में दोनों की हत्या में नामजदगी और पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी दोनों का नाम केस से बाहर करते हुए क्लीनचिट दी थी। अब विवेचना की समीक्षा के दौरान खेल पकड़ में आया तो पुलिस कमिश्नर ने जांच करने वाले इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही उसकी विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। जाजमऊ में 30 जून 2020 में बाइक सवार शूटरों ने बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी थी। पिंटू के भाई धर्मेंद्र सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सउद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, कथित अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह के नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना में वीरेंद्र पाल, श्याम सुशील मिश्रा, शूटर राशिद कालिया, अहसान कुरैशी, सलमान बेग, फैजल कुरैशी, साफेज हैदर और असलम कुलरेज, मकबूल उर्फ बबलू सुल्तानपुरी, तनवीर बादशाह और मोहमम्द आयाज उर्फ टायसन के नाम सामने आए थे। राशिद का इनकाउंटर कर दिया गया था। आरोप है कि इस मामले में चकेरी में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी, लेकिन नामजद होने के बावजूद दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज और अरिदमन सिंह का नाम साठगांठ करके बाहर निकाल दिया था। दोनों के खिलाफ फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पिंटू सेंगर मर्डर केस की साढ़े चार साल बाद अग्रिम विवेचना शुरू हुई तो तत्कालीन विवेचनाधिकारी सभाजीत मिश्रा का खेल सामने आ गया। साक्ष्यों के बावजूद दीनू और अरिदमन का नाम निकालने के मामले में पुलिस कमिश्नर ने उन्हें निलंबित कर दिया। हत्या जैसी गंभीर विवेचना होने के बाद भी लाभ के लिए दो हत्यारोपियों का नाम केस से बाहर कर दिया था। इस वजह से विभागीय जांच का भी आदेश दिया है। वर्तमान में वह कर्नलगंज थाने में अतिरिक्त निरीक्षक तैनात थे। पिंटू सेंगर मर्डर केस में साढ़े चार साल बाद जांच में दीनू उपाध्याय और अरिदमन का नाम सामने आने के बाद दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। पिंटू सेंगर मर्डर केस में दीनू को तो पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेज दिया। अब अधिवक्ता अरिदम सिंह को पुलिस कभी भी अरेस्ट करके जेल भेज सकती है। अरिदमन सिंह की मां का निधन और उसे लीवर से संबंधित बीमारी के चलते फिलहाल पुलिस अरेस्ट नहीं कर रही है। कभी भी पुलिस उसे अरेस्ट करके जेल भेज सकती है।
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