मांगों पर निर्णय न होने की स्थिति में 15 दिन बाद मुख्यमंत्री आवास पर मौन प्रदर्शन किया जाएगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति (पुनर्गठित) के तत्वावधान में आज लाल बहादुर शास्त्री भवन, एनेक्सी में एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य व जिला स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों की पेंशन, पीजीआई में चिकित्सीय सुविधा, और पत्रकार सुरक्षा कानून जैसे लंबित मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया गया कि यदि आगामी 15 दिनों में प्रमुख सचिव सूचना व सूचना निदेशक द्वारा पत्रकारों के हित में ठोस कार्यवाही नहीं की जाती, तो सभी पत्रकार मुख्यमंत्री आवास, 5 कालिदास मार्ग, लखनऊ पर मौन प्रदर्शन करेंगे। पत्रकारों ने बताया कि विगत तीन वर्षों से वे पेंशन और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, जबकि संबंधित शासनादेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। विभागीय उदासीनता अब गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:-
प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:-
- राज्य मुख्यालय व जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए पेंशन योजना को तत्काल लागू किया जाए।
- पत्रकारों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाए ताकि उन्हें समय पर चिकित्सीय लाभ मिल सके।
- फील्ड में कार्यरत पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए।
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित पत्रकारों में शामिल रहे, वरिष्ठ पत्रकार उमेश मिश्रा, सुल्तान शहरयार खान, अजीत कुमार सिंह, डी.पी. शुक्ला, प्रेम शंकर अवस्थी, रवि उपाध्याय, टी.के. शर्मा, प्रदीप कुमार उपाध्याय, हरजीत सिंह बाबा, सुशील अवस्थी, बलराम गुप्ता, मनोज मिश्रा, प्रमिला चंदानी, उमाकांत बाजपेई, रामसेवक पाल, शियाराम यादव, सुनील कुमार, अख़्तर अली, अनिल कुमार सिंह, श्वेता सिंह, कंवलजीत सिंह, एस के पांडे, शिकोह आज़ाद, नीरू पाण्डेय, दीपक अवस्थी, आनंद कुमार, आज़ाद सिंह, राजू यादव, कृष्ण मिश्रा, के.के. साहनी, अनिल कुमार वर्मा, अनिल सैनी, अनिल कुमार सैनी, लखन लाल मिश्रा, शैलेश अस्थाना, अमरीश शुक्ला, अजय वर्मा आदि।
Tags
Lucknow