लखनऊ। डायरिया के एक और संक्रमित की मौत हो गई है। जानकीपुरम सेक्टर 7 की रहने वाली 12 साल की बच्ची सरिता ने बलरामपुर अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया। इससे पहले इसी इलाके के राजेश कौशल की भी इसी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने मौत का कारण सेप्टीसीमिया और अनकंट्रोल शुगर बताया था। सीएमओ ऑफिस प्रवक्ता योगेश रघुवंशी के मुताबिक बच्ची को 25 अगस्त की सुबह जानकीपुरम के ट्रॉमा सेन्टर में भर्ती किया गया था। इस बीच उसकी कंडीशन में सुधार न होते देख उसे 26 अगस्त को बलरामपुर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी बुधवार को मौत हुई। बलरामपुर अस्पताल की तरफ से मृतक का डेथ ऑडिट सर्टिफिकेट जारी कर बताया गया कि मौत का कारण हाइपोवॉलमिक शॉक और सेप्टीसीमिया है। इससे पहले राजेश कौशल की मौत के बाद सेप्टीसीमिया और अनकंट्रोल शुगर को मौत का कारण बताया गया था। हालांकि, मृतक राजेश के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों को खारिज करते हुए उसे शुगर होने के बात को सिरे से नकार दिया था। डायरिया से इलाके में दहशत है। कई लोगों ने सप्लाई का पानी पीने से इनकार कर दिया है। लोग उबालने के बाद पानी को ठंडाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। जानकीपुरम इलाके में अभी भी नए मरीज मिल रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि, जलकल विभाग की रिपोर्ट ने पानी में किसी भी खामी को नकार दिया था। जानकीपुरम विस्तार निवासी 12 वर्षीय सरिता बीते गुरुवार से बीमार थी। मूल रूप से बलिया निवासी उमाशंकर सिंह सेक्टर-8 में परिवार के साथ झोपड़ी डालकर रहते हैं। तबीयत खराब होने पर परिवारीजन पहले स्थानीय डॉक्टर की सलाह ली। हालत गंभीर होने पर किशोरी को जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। नाजुक हालत में डायरिया पीडि़त को बलरामपुर अस्पताल में रेफर किया गया था। मृतक की मां सरोजनी का आरोप है कि ट्रॉमा के डॉक्टरों ने समय रहते मरीज को रेफर नहीं किया। कई बार डॉक्टरों से मरीज को रेफर करने की गुजारिश की, लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। हालत बिगडऩे पर सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया।इसके बाद परिजन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद सरिता को भर्ती किया गया। सांस लेने में दिक्कत होने से उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। देर रात करीब डेढ़ बजे सरिता की सांसें थम गईं। भाई अर्जुन सिंह (15) को भी डायरिया की शिकायत के बाद ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
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