लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। 'योगी बाबा न्याय करो- सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करो' का नारा लगाने के साथ प्रदर्शनकारी, 'ओम प्रकाश राजभर इस्तीफा दो', 'केशव मौर्य इस्तीफा दो' का नारा भी लगा रहे थे। मंत्री के आवास के पास नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस पहुंची तो उनसे तीखी नोकझोंक हुई। प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। वे मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े थे। करीब आधा घंटा बाद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को घेर लिया, फिर उनको घसीटते हुए गाड़ियों में ले जाकर बैठा दिया। महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को टांग कर गाड़ी में बैठाया। सभी को ईको गार्डन के पास ले जाकर छोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार की लचर पैरवी की वजह से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही। पिछले 5 वर्षों से रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें नौकरी दी जाए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 5 सालों में 100 से ज्यादा बार शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव कर चुके हैं। हर बार हमें मंत्री आश्वासन देते हैं। बेरोजगार होते हुए भी हम लोग अलग-अलग जनपदों से किराया भाड़ा खर्च करके आते हैं, मगर मायूस होकर वापस जाना पड़ता है। इस बेरोजगारी में हम लोगों के लिए 100 - 200 रुपए भी बड़ी बात है। आज जब तक मजबूत आश्वासन नहीं मिल जाएगा, हम लोग यहां से नहीं जाएंगे। देवरिया से आए धनंजय ने कहा कि मजबूरी में बार-बार लखनऊ आना पड़ता है। हम शिक्षक हैं, हमारी जगह विद्यालय में है। पिछले 22 डेट में सरकार की तरफ से वकील प्रेजेंट नहीं हुआ है। सीएम योगी बिहार में जाकर कहते हैं कि यूपी में रामराज है। यह कौन सा रामराज है, जहां पिछड़े और दलितों को जाति देखकर न्याय किया जाता है। राजनीतिक सुविधा के हिसाब से जहां मन करता है, बुलडोजर चला देते हैं। केशव प्रसाद मौर्य, ओम प्रकाश राजभर और अनुप्रिया पटेल जितने भी पिछड़े नेता हैं, यह हमारे नाम पर धंधा और राजनीति कर रहे हैं। अगर इनके दिल में हमारे लिए दर्द है, तो ओम प्रकाश राजभर और केशव प्रसाद मौर्य इस्तीफा दे दें। धिक्कार है लोगों पर जो सिर्फ हमारा इस्तेमाल कर रहे हैं और माल कमा रहे हैं।
हरदोई से प्रदर्शन में शामिल होने आईं कल्पना राजपूत ने कहा कि एक उम्मीद पर बार-बार लखनऊ आते हैं, मगर हर बार उम्मीद टूट जाती है। इसी उम्मीद हम आ रहे हैं कि 28 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में हमारी डेट लगी है, उसमें सरकार की तरफ से अधिवक्ता उपलब्ध होंगे। हमारी पैरवी करेंगे। 4 से 5 साल हो गया है संघर्ष करते हुए अब तो परिवार वालों ने भी साथ छोड़ दिया है।
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