उत्तर प्रदेश को गेहूं उत्पादक राज्य घोषित करने की मांग

  • ओपन मार्केट सेल स्कीम की घोषणा का स्वागत
  • रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के दीपक कुमार बजाज ने उठाई माँग

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि राज्य को ओपन मार्केट सेल स्कीम (डोमेस्टिक) यानी ओएमएसएस-डी के अंतर्गत आधिकारिक रूप से "गेहूं उत्पादक राज्य" का दर्जा दिया जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक कुमार बजाज ने कहा कि इस दर्जे से प्रदेश की मिलों को बिना किसी अतिरिक्त मालभाड़ा शुल्क के गेहूं उपलब्ध हो सकेगा तथा उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक समानता मिलेगी।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ओएमएसएस स्कीम के तहत खुले बाजार में गेहूं बिक्री की घोषणा की है। इस योजना के तहत गेहूं का आरक्षित मूल्य 2,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है। बजाज ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है, जिससे बाजार में मूल्य स्थिरता और पर्याप्त कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्यों में से एक है और यहां सबसे ज्यादा रोलर फ्लोर मिलें संचालित हैं। इसके बावजूद, एफसीआई द्वारा गेहूं पर भाड़ा जोड़कर आपूर्ति की जाती है, जबकि पंजाब और हरियाणा में यह शुल्क नहीं लिया जाता क्योंकि उन्हें “उत्पादक राज्य” का दर्जा प्राप्त है।

बजाज ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश की मिलों को पंजाब या हरियाणा से भाड़ा जोड़कर गेहूं लाना पड़ेगा, तो उनकी उत्पादन लागत बढ़ेगी और प्रदेश की मिलें प्रतिस्पर्धात्मक असमानता का सामना करेंगी। इसका असर उपभोक्ता उत्पादों की कीमतों और देशव्यापी सप्लाई चेन पर भी पड़ सकता है। एसोसिएशन ने कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्पादक राज्य घोषित किए जाने से उद्योग को स्थिरता, नीति समानता और उपभोक्ता स्तर पर मूल्य संतुलन सुनिश्चित होगा, जो खाद्य सुरक्षा के हित में है।

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