लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो.सीएम. सिंह को एमएस. स्वामीनाथन ओरशन अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान रविवार को कलाम सेंटर, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में आयोजित प्री-कॉन्फ्रेंस लाइव सर्टिफिकेशन वर्कशॉप एवं आईएसएमएन अवार्ड व फेलोशिप सेरेमनी के दौरान प्रदान किया गया, जो कि 5वें वर्ल्ड कांग्रेस ऑन मेडिकल फूड एंड न्यूट्रिशन का हिस्सा था। यह विशिष्ट सम्मान प्रो.सिंह के मेडिकल फूड एवं न्यूट्रिशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करता है और हमारे संस्थान के लिए गौरव का क्षण है।
यह पुरस्कार भारत के महान कृषि वैज्ञानिक और भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस. स्वामीनाथन की स्मृति को समर्पित है। उनके क्रांतिकारी शोध ने भारत को खाद्य-अभावी देश से खाद्य-सुरक्षित राष्ट्र बनाया और पोषण, खाद्य सुरक्षा एवं सतत विकास को एक-दूसरे से जोड़ा। उनके नाम पर दिया जाने वाला यह ओरशन अवार्ड वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं को भूख और कुपोषण उन्मूलन के लिए निरंतर प्रेरित करता है।
प्रो. सिंह ने भारत में कुपोषण की गंभीर समस्या पर प्रकाश डाला और एनएफएचएस-5 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बच्चों में ठिगनापन, क्षीणता और कम वजन की चिंताजनक दरों का उल्लेख किया। उन्होंने “दोहरी चुनौती” – अर्थात् अल्पपोषण के साथ-साथ बढ़ते मोटापे और एनीमिया–से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रो. सिंह ने एकीकृत बाल विकास सेवा पोषण अभियान,मध्याह्न भोजन योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी सरकारी योजनाओं को और सशक्त बनाने की महत्ता पर जोर दिया ताकि माताओं और बच्चों के पोषण संबंधी भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
यह पुरस्कार भारत के महान कृषि वैज्ञानिक और भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस. स्वामीनाथन की स्मृति को समर्पित है। उनके क्रांतिकारी शोध ने भारत को खाद्य-अभावी देश से खाद्य-सुरक्षित राष्ट्र बनाया और पोषण, खाद्य सुरक्षा एवं सतत विकास को एक-दूसरे से जोड़ा। उनके नाम पर दिया जाने वाला यह ओरशन अवार्ड वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं को भूख और कुपोषण उन्मूलन के लिए निरंतर प्रेरित करता है।
प्रो. सिंह ने भारत में कुपोषण की गंभीर समस्या पर प्रकाश डाला और एनएफएचएस-5 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बच्चों में ठिगनापन, क्षीणता और कम वजन की चिंताजनक दरों का उल्लेख किया। उन्होंने “दोहरी चुनौती” – अर्थात् अल्पपोषण के साथ-साथ बढ़ते मोटापे और एनीमिया–से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रो. सिंह ने एकीकृत बाल विकास सेवा पोषण अभियान,मध्याह्न भोजन योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी सरकारी योजनाओं को और सशक्त बनाने की महत्ता पर जोर दिया ताकि माताओं और बच्चों के पोषण संबंधी भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
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